मोबाइल के माध्यम से मतदान: देश में आज पहली बार होगा यह अनोखा प्रयोग

नई दिल्ली: बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां मोबाइल के जरिए ऑनलाइन वोटिंग होगी। यह ई-वोटिंग 28 जून को बिहार की नगरपालिका आम और उप-निर्वाचन 2025 के लिए होगी। इस प्रणाली के लिए 51,155 मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें 26,038 पुरुष और 25,117 महिला मतदाता शामिल हैं। पटना, पूर्वी चंपारण, रोहतास, गया, बक्सर, बांका, सारण और सिवान की नगरपालिकाओं में होने वाले इन चुनावों में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन बक्सर से हुआ है। इस ई-वोटिंग का प्रयोग बिहार राज्य निर्वाचन आयोग कर रहा है। आयोग स्थानीय निकायों यानी नगर निकाय चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार होता है।
क्या होती है ई-वोटिंग:
आसान शब्दों में, जब कोई मतदाता मोबाइल के जरिए कहीं से भी वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा ले, तो उसे ई-वोटिंग कहते हैं। बिहार राज्य के निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा, "यह देश में पहली बार बिहार में होने जा रहा है। दुनियाभर में कुछ ही देशों ने ऐसा किया है, जिनमें एस्टोनिया एक प्रमुख उदाहरण है। हमने 10 जून से 22 जून तक एक विशेष अभियान चलाया था। रिटर्निंग ऑफिसर की टीमों ने लोगों को ई-वोटिंग के लिए जागरूक किया। हेल्प डेस्क, रैली और पोस्टरों के जरिए प्रचार किया गया। इसके नतीजे उत्साहजनक हैं।
कैसे होगी ई-वोटिंग:
जिन मतदाताओं ने खुद को ई-वोटिंग के लिए रजिस्टर किया है, उन्हें अपने मोबाइल पर एक ऐप डाउनलोड करना होगा। नगरपालिका आम निर्वाचन 2025 के लिए एसईसीबीएच आर (एसईसीबीएचआर) ऐप और उप निर्वाचन के लिए एसईसीबीआईएचआर (एसई सीबीआईएचर आर) ऐप का उपयोग किया जाएगा। ये ऐप केवल रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही काम करेंगे. एक विकल्प राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के जरिए भी उपलब्ध है.लेकिन यह सुविधा भी केवल पंजीकृत मोबाइल नंबर से ही सक्रिय की जा सकेगी। तकनीकी आंकड़े इस स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो के अनुसार, बिहार की टेली-डेन्सिटी 57.23 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश का औसत 85.04 प्रतिशत है। वहीं, बिहार आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, राज्य में इंटरनेट डेनसिटी 42.1 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 68.19 प्रतिशत है।
इनके लिए है यह सुविधा :
इन चुनावों में मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद के लिए कुल 570 उम्मीदवार मैदान में हैं। यह सुविधा उन मतदाताओं के लिए है जो वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, ठगंभीर बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिला या प्रवासी मजदूर हैं। पारंपरिक वोटिंग सुबह 7 से शाम 5 बजे तक चलेगी, जबकि ई-वोटिंग केवल सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक ही हो सकेगी।
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